Monday, September 28, 2015

अनंतपुर , आँध्र प्रदेश के उरवकोंडा वाले हज्रत भं -भं शेखुस्सेन दास साहेब के पारमार्थिक उपदेश

अनंतपुर , आँध्र प्रदेश के उरवकोंडा वाले हज्रत भं -भं शेखुस्सेन दास साहेब के पारमार्थिक उपदेश

बोलना चालना  छोड्रना दुनियां दिल्में बसेरा होनारे
साँचे पीर का मुरीद बनातो सर्दार होकर जानारे            “ बोलना चालना “

तिन्का है भेद मन से मिलाकत मुहम्मद को बर जानोरे
साँचे मुहम्मद साहेब मेरा सर पे तुर्रा लानरे             “ बोलना चालना “

पाँच अनासिर पच्चीस गुण का दिल में बसेरा होनारे
सात सिफ़त की मानी खुलीतो सिर्रेअना को पानारे        “ बोलना चालना “

माया है दुन्याँ मन से मिलाकत मुहम्मद को बर जानोरे
तार है जंजं दिल है लिंगम दीद पहचानत होनारे          “ बोलना चालना “

तन की है बंग्डी मन से मिलाकत नूरे मुहम्मद जानोरे
नूर मे आली दुन्याँ है खाली दिल में समझ कर देखोरे       “ बोलना चालना “

जाति में ज्योति दिल है साथी दीद पह्चानत होनारे
पीर है आला भं भं बोला पीर से मिल्ने पानारे

सेवा से पाया शेखुस्सेन बोला सुननेवाला आलारे          “ बोलना चालना “

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